कहती है बेटी हमें निहार मà¥à¤à¥‡ चाहिठपà¥à¤¯à¤¾à¤° दà¥à¤²à¤¾à¤°à¥¤ बेटियों को कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पà¥à¤¯à¤¾à¤° नहीं करता संसार। सोचिये सà¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ बेटी बिना बन सकता है घर परिवार। बचपन से लेके जवानी तक मà¥à¤ पर लटक रहा तलवार। मेरे दरà¥à¤¦ और वेदना का कब होगा सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ उपचार। बà¥à¤¤à¥‡ पानी में मैं बह गई कौन करेगा नदी के पार। मैं बेटी माता à¤à¥€ मैं हूठमैं ही दà¥à¤°à¥à¤—ा काली अवतार। मेरे पà¥à¤¯à¤¾à¤° में सà¤à¥€ सà¥à¤–ी हैं मेरे बिना धरती अंधियार। बेटी की दरà¥à¤¦ और वेदना का कब होगा सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ उपचार